गजब कारनामाः करोड़पतियों को दे दिया ठेली-फड़ लगाने का लाईसेंस
ऋषिकेश : नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक का है मामला आरटीआई में नगर पंचायत के इस कारनामे का हुआ है खुलासा
शहरी विकास के मुख्य सचिव से की जाएगी कार्रवाई की मांग
स्वर्गाश्रम-जौंक। नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक में एक बड़े फर्जीबाड़े का खुलासा आरटीआई में प्राप्त सूचना से हुआ है। नगर पंचायत ने गरीबों का हक छीनकर करोड़पतियों को ठेली-फड़ लगाने का लाईसेंस जारी कर दिया है। शहर में यह सूचना चर्चा जोरो पर है। आरटीआई के तहत रेलवे रोड ऋशिकेश निवासी एससी राय की ओर से नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक से मांगी गई सूचना में खुलासा हुआ है कैसे सरकार योजनाएं तो गरीबों के लिए बनाती है लेकिन गरीबों तक यह योजनाएं कितना पहुंच पाती है इसका ताजा उदाहरण नगर पंचायत में देखने को मिला है यहां कैसे (आजीविका सुरक्षा तथा फेरी व्यवसाय विनियमन) नियमावली-2016 तहत गरीबों के भरण पोशण के लिए दिए जाने वाले ठेली-फड़ लाईसेंस नियमों को तांक पर रखकर कैसे करोड़पतियों को दे दिए जो इसके लिए पात्र नहीं थे और जो पात्र थे उन्हें लाईसेंस देने के नाम पर घुमाया जा रहा है आज आना कल आना अब लाईसेंस जारी होना बंद है तो पता नहीं कैसे कैसे बातें बोलकर गरीबी का माखौल उड़ाया जा रहा है। सरकार की जिन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिलना चाहिए था वह नहीं मिला बल्कि अपात्र लोगों को जरूर मिल गए। यहीं नहीं नियम जहां एक घर से एक को लाईसेंस देने का था वहीं निकाय ने एक से अधिक लाईसेंस बिना किसी जांच पड़ताल किए जारी कर दिए।
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एक परिवार से एक लाईसेंस देने का है नियम (आजीविका सुरक्षा तथा फेरी व्यवसाय विनियमन) नियमावली-2016 के फेरी अनुज्ञा एवं अनुज्ञा षर्त के पैरा 11 में यह स्पष्ट है कि परिवार के एक से अधिक सदस्यों को फेरी की अनुज्ञा नहीं दी जाएगी।
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जातियों के आधार पर लाईसेंस को मिलेगी वरीयता नियमावली-2016 के फेरी अनुज्ञा एवं अनुज्ञा षर्त के पैरा 13 में यह स्पष्ट है कि नगर मेरी समिति द्वारा फेरी अनुज्ञा पत्र जारी करते हेतू अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग, विकलांग, अल्पसंख्यक तथा अन्य ऐसी श्रेणी के लोगों को वरीयता प्रदान की जाएगी। इंसेट
एक परिवार में एक ही व्यक्ति को लाईसेंस जारी होगा नियमावली-2016 के फेरी व्यवसाय के अधिकार एवं उत्तर दायित्व 22 के प्रत्येक फेरी व्यवसायी को फेरी अनुज्ञा जारी होने से पूर्व नगर फेरी समिति को यह षपथ पत्र देना अनिवार्य होगा की पैरा एक में उसके द्वारा फेरी व्यवसाय स्वयं अथवा उसके किसी पारिवारिक सदस्य के द्वारा ही किया जाएगा। 2- उसके पास आजिविका का कोई अन्य स्रोत नहीं है। 3-उसके द्वारा इसे किसी भी रूप में यथा किराया फेरी अनुज्ञा अथवा निर्धारित स्थल का स्थानांतरण किसी अन्य को नहीं किया जाएगा। जहां फेरी व्यवसायी जिसे फेरी अनुज्ञा जारी की गई हो कि मृत्यु हो जाती है अथवा वह किसी भी प्रकार की स्थाई
विकलांगता से ग्रसित होता है या रोग्रस्त होता है तो उसके परिवार के सदस्यों को अनुज्ञा अविधि तक उस स्थान पर व्यवसाय करने की अनुमान्यता निम्न वरीयता कम में दी जानी चाहिए।
1-फेरी व्यवसाय की पत्नी, फेरी व्यवसाय का आश्रित पुत्र या पुत्री विवाद की स्थिति में व्यवसाय क्षेत्र का आवंटन किस पक्ष को किया जाए का निर्धारण समिति द्वारा किया जाएगा।
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क्या कहते है ईओ साहब
मैने अभी हाल ही में ज्वांइन किया है यह मामला मेरे से पूर्व का है। उक्त मामले में मेरे स्तर से जांच की कार्रवाई कर करोड़पतियों के जो ठेली फड़ लाईसेंस बने है वह निरस्त कर जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
स्वर्गाश्रम-जौंक
दीपक कुमार शर्मा, ईओ, नगर पंचायत