उत्तराखंडस्वास्थ्य

आशा की पिंक ड्रेस ही है अब हेल्थ सिस्टम की पहचानः डीएम

आशाओं के फील्ड पर सक्रिय भूमिका से डेंगू के मामले नियंत्रण में

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बसंल ने कहा कि आशा की पिंक ड्रेस ही अब हेल्थ सिस्टम की की पहचान है। शुक्रवार को यहां जिलाधिकारी सविन बंसल ने जनपद में उत्कृष्ट योगदान देने वाले फ्रंटलाईन वारियर्स आशा कार्यकर्ताओं, एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स को सम्मानित किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी फं्रटलाईन वर्कस के कार्यों की सरहाना की। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य के अग्रणी अमले आशाओं के कार्यों की प्रशसंा की करते हुए फील्ड में शतप्रतिशत योगदान की अपेक्षा की। स्वास्थ्य के अग्रणी अमले संग डीएम संवाद कारगर साबित हो रहा है। डीएम ने आशाओं को सौगात संग अधिकार व जिम्मेदारी भी दी हैं अब आशाएं डेंगू फिल्ड वॉलिंटियर्स के कार्यों को सत्यापित भी कर रही हैं। समग्ररूप से जिला प्रशासन की सूझबूझ से जलनित रोग व डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया, हैजा आदि के प्रभावी सर्वे हेतु फील्ड स्टॉफ को सक्रिय रखा है। नगर निगम, एनएचएम, जिला प्रशासन द्वारा दी जा रही अतिरिक्त धनराशि मिलाकर अब आशाओं को 4500 रूपये सर्वे कार्यों हेतु मिल रहे हैं तथा अच्छा कार्य करने वाली आशाओं को 1555 अलग से जिला प्रशासन की ओर से दिए जा रहे है। इसमें संख्या की काई बाध्यता नही हैं जो आशाएं अच्छा कार्य करेंगी उनको सभी 1555 अतिरित्तफ धनराशि जिला प्रशासन की ओर से दी जाएगी। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि आज आशाएं सिर्फ स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं, बल्कि पूरे हेल्थ सिस्टम की रीढ़ बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पिंक ड्रेस अब मात्र एक यूनिफॉर्म नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य सिस्टम की पहचान बन गई है। उन्होंने डेंगू नियंत्रण में आशाओं की सक्रिय भूमिका को विशेष रूप से सराहा और कहा कि उनके समर्पण के कारण जनपद में इस वर्ष डेंगू के सबसे कम केस आए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आशाओं को दी गई 1555 की प्रोत्साहन राशि उनके योगदान की मान्यता है, किसी प्रकार की सहायता नहीं। डीएम ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा फ्रंटलाइन वर्कर्स को महत्व देते हैं। साथ ही हमारे स्टेट गवर्नमेंट सदा फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए प्रतिबद्ध रहती है। स्वास्थ्य विभाग जीवन से जुड़ा विभाग है, इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों को करुणा और सतर्कता के साथ काम करना चाहिए। इसी वजह से अन्य विभागों के तुलना में स्वास्थ्य विभाग को अतिरित्तफ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिलाधिकारी के हैं निर्देश पर डेंगू का कोई भी मामला सामने आने पर शॉर्ट नोटिस पर पूरी मशीनरी एक्टिव रहे। देहरादून और ऋषिकेश नगर क्षेत्रों में आशाओं को वार्ड आवंटन, आशाओं को डोर-टूकृडोर सर्वे, रैपिड रिस्पांस टीम व वार्डवार वालिटियर्स की तैनाती की गई है। डेंगू, मलेरिया चिकनगुनिया एवं अन्य जल जनित बीमारियों पर प्रभावी अंकुश लगाने को टीमें सजग हैं। आशाओं को एनएचएम से एक हजार, नगर निगम से 1500 के साथ जिलाधिकारी की पहल पर राज्य के किसी जनपद में प्रथमबार जिला प्रशासन की ओर से भी 1500 रुपए की अतिरित्तफ इन्सेंटिव धनराशि के साथ ही अच्छा कार्य करने वाली आशाओं एवं आशा फेसिलटर को 1555 अतिरित्तफ धनराशि का प्राविधान किया गया हैं। साथ ही जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर निगम क्षेत्र ऋषिकेश में कार्य कर रही आशाओं को नगर निगम की ओर से दिए जाने वाली 1500 की धनराशि का एरियर सहित भुगतान के निर्देश दिए गए।

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