हिम्स जौलीग्रांट में विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

समय पूर्व जन्मे शिशुओं की सर्वोत्तम देखभाल पर विशेषज्ञों ने रखे विचार, -छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक और क्विज के माध्यम से बढ़ाई जागरूकता
डोईवाला, जौलीग्रांट। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ (हिम्स) जौलीग्रांट में विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नवजात शिशु चिकित्सा, प्रसूति एवं स्त्री रोग तथा शिशु रोग विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशुओं की चुनौतियों पर प्रकाश डालना और उनकी सर्वोत्तम देखभाल को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम का आयोजन स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के आदि-कैलाश सभागार में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. अशोक कुमार देवराड़ी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस मनाया जाता है, ताकि समय पूर्व जन्मे बच्चों की देखभाल के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
हिम्स जौलीग्रांट की प्रिंसिपल डॉ. रेनू धस्माना ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्वभर में हर वर्ष लगभग 1.5 करोड़ बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं, जिन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
कार्यक्रम के दौरान एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक में समय पूर्व जन्मे बच्चों के परिवारों द्वारा झेली जाने वाली चुनौतियों, प्रसवपूर्व देखभाल, एनआईसीयू सहयोग, कंगारू मदर केयर तथा समुदाय की भागीदारी को प्रभावी रूप से दर्शाया गया। साथ ही आयोजित क्विज प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों—डॉ. शुभम सैनी, डॉ. शिवानी बिलौरा और लेखा बिष्ट—को सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त प्रीमैच्योर शिशुओं की सर्वोत्तम देखभाल विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसका संचालन डॉ. अनिल रावत ने किया। पैनल में डॉ. सैकत पात्रा, डॉ. पूर्णिमा उप्रेती, डॉ. रेनू धसमाना और डॉ. वंदना चौहान शामिल रहे। चर्चा में प्रसवपूर्व रणनीतियों, नवजात प्रबंधन, आरओपी स्क्रीनिंग तथा नर्सिंग देखभाल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया।
पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीक्षा गुप्ता ने किया तथा डॉ. चिन्मय चेतन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. रूचिरा नौटियाल, डॉ. अनिल रावत, डॉ. पूर्णिमा उप्रैती, डॉ. नीरूल पंडिता, डॉ. रूपल, डॉ. रश्मि राजपूत, डॉ. ज्योति वालिया और डॉ. वंदना चौहान सहित कई विशेषज्ञ व संकाय सदस्य उपस्थित रहे।





