उत्तराखंडराजनीति

भाजपा के मीड़िया प्रभारी ने हरीश रावत को बताया कांग्रेस का धृतराष्ट्र

बोले-श्रीकृष्ण के उपदेशों को दुर्याेधन से घालमेल की कोशिश धर्म शास्त्र का उपहास

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि हिंदू सनातन मतावलंबियों का अपने महाग्रंथ भागवत गीता और रामायण मे अगाध श्रद्धा है और ये हमारी दिनचर्या तथा जीवनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत जिस तरह से भागवत गीता मे श्रीकृष्ण के उपदेशों को दुर्याेधन से घालमेल की कोशिश कर रहे हैं वह एक तरह से धर्म शास्त्र का उपहास भी है।
चौहान ने कहा कि कर्म योग को नये शिरे से परिभाषित कर रहे हरदा को यह खुद ही तय करना चाहिए कि वह कांग्रेस के बुजुर्ग नेता हैं और उन पर कौन सा किरदार फिट बैठता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मे बड़े से छोटे नेताओं की लम्बी फेहरिशत हैं जो उन्हे धृतराष्ट्र के रूप मे देखते हैं। उन्होंने कहा कि देश और राज्य के बजाय वह परिवार के मोह मे शुरू से ही फंसे रहे हैं और अपनी सुविधा के अनुसार न्याय के तराजू को पकड़ने का नाटक करते हैं।
चौहान ने कहा कि उन्हे देश की संसद के लिए भी उम्मीदवार परिवार से चाहिए तो राज्य की विधान सभा के लिए परिवार का कोई सदस्य हो और जब सीएम की बात हों तो वह स्वभाविक दावेदार रहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मे चल रही महाभारत मे वह खुद ही धृतराष्ट्र और खुद ही दुर्याेधन की भूमिका मे हैं। हरदा कांग्रेस सरकर आने पर जो भी मुखिया बना उसकी चूलें हिलाने की अनवरत कोशिश करते रहे हैं और 2014 मे वह सफल भी हो गए जब वह खुद ही सीएम बने। उसके बाद दो चुनाव मे वह सीएम के चेहरे बने रहे।
चौहान ने कहा कि परिवार मोह और सत्तालोलुपता के कारण कांग्रेस खाली हो रही है, लेकिन वह कर्मयोगी का आडंबर रच रहे हैं। भगवान कृष्ण ने धर्म विरोधियों के प्रतिकार के लिए अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया जो सर्वथा उचित था, तो हरदा को ऐसी चिंता किसके लिए है?
उन्होंने कहा कि गीता मोह, भय और मोक्ष के द्वार खोलकर सभी विकारों को समाप्त करती है। भाजपा सनातन परंपरा का निर्वहन कर गीता और उपदेशों को सर्वाधिक महत्व देती है। इससे सार्वजनिक जीवन मे सेवा और सदाचार का भाव अधिक जागृत होता है। कांग्रेस को सनातन परंपरा का झूले दिल से आदर करने की जरूरत है, न बल्कि अपनी सुविधा के हिसाब से आडंबर का चोला पहनने की कसरत। हालांकि यह भी जगजाहिर है कि तुष्टिकरण की खातिर कांग्रेस हमेशा समुदाय विशेष की ढाल बनते रहे और बहुसंख्यक समाज और सनातन अपमानित होता रहा है।

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