
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फेयरफिल्ड बाय मेरियट मालसी में आयोजित कॉन्क्लेव, उत्तराखण्ड चैप्टर 2025 में प्रतिभाग करते हुए राज्य और देश के विकास, सुशासन, युवाओं के भविष्य, सांस्कृतिक संरक्षण, धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक निवेश से जुड़े कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश की राजनीति में घोटालों, कुशासन और भ्रष्टाचार का बोलबाला था। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को कमजोर राष्ट्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के साथ “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति को अपनाकर वैश्विक मंचों पर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने सीमांत क्षेत्रों और मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए। 12.75 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने जैसे निर्णय मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत हैं। जीएसटी में सुधारों और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किए गए फैसलों से स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों को नई ऊर्जा मिली है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शुरू की गई परियोजनाओं का शिलान्यास और समयबद्ध लोकार्पण राज्य में प्रशासनिक ईमानदारी का प्रतीक है। भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पर सरकार की तत्परता का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि पेपर लीक की जानकारी मिलते ही एसआईटी गठित कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि कुछ राजनीतिक दलों ने युवाओं को ढाल बनाकर इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि युवाओं की चिंता को देखते हुए उन्होंने स्वयं प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और सीबीआई जांच की अनुशंसा करने का निर्णय लिया। यह वही सरकार है जिसने देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, जिसके तहत 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया और 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिलीं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार पर झुकने का आरोप लगाते हैं, लेकिन वे यह समझ लें कि अगर युवाओं के भविष्य की रक्षा करनी पड़ी तो वह उनके लिए सिर झुका भी सकते हैं और सिर कटा भी सकते हैं।