उत्तराखंडस्वच्छता अभियान

अल्मोड़ा बस हादसे में जान गंवाने वालों की याद में चलाया स्वच्छता कार्यक्रम

सीएम धामी ने झाड़ू लगाकर दिया स्वच्छता का संदेश

स्ट्रीट लाइट की शिकायत के लिए बनाए गए क्यूआर स्कैनर का भी शुभारंभ किया
देहरादून। सरकार उत्तराखंड के 24वें स्थापना दिवस को सादगी से मनाने जा रही है। इसी क्रम में राज्य स्थापना दिवस को लेकर प्रदेश भर में तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। बीते दिन यानी 7 नवंबर को जहां प्रवासी उत्तराखंड ही सम्मेलन का आयोजन किया गया। वहीं, शुक्रवार को स्वच्छता अभियान चलाया गया। राज्य स्थापना दिवस से ठीक 1 दिन पहले रेस कोर्स में आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। इस दौरान सीएम ने देहरादून नगर निगम के तहत स्ट्रीट लाइट की शिकायत के लिए बनाए गए क्यूआर स्कैनर का भी शुभारंभ किया।
दरअसल, राजधानी देहरादून की सड़कों पर लगे स्ट्रीट लाइट संबंधी तमाम शिकायतें नगर निगम को मिलती रही हैं। कभी दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती हुई दिखाई देती रही है तो कभी-कभी रात के समय स्ट्रीट लाइट नहीं जलती हैं। इन तमाम शिकायतों के समाधान को लेकर देहरादून नगर निगम ने क्यूआर स्कैनर तैयार किया है। जिसे देहरादून नगर निगम क्षेत्र में लगी स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगाया जाएगा। ताकि जनता स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत क्यूआर कोड को स्कैन करके कर सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अल्मोड़ा के मारचूला में बस हादसे में जान गंवा चुके लोगों की याद में आज प्रदेशभर में स्वच्छता और सेवा के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से करीब 10 साल पहले चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान की वजह से पूरे देश में स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ और स्वस्थ भारत की परिकल्पना साकार हो रही है।
सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। ऐसे में सभी प्रदेशवासी स्वच्छता को अपनी नियमित दिनचर्या बनाकर देवभूमि उत्तराखंड को स्वच्छ रखने में सरकार की मदद करें। उत्तराखंड राज्य रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इन 24 सालों के दौरान प्रदेश की जनता के सहयोग से हर क्षेत्र में राज्य तेजी से आगे बढ़ा है। ऐसे में अब 21वीं सदी के इस तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए जन सहभागिता से राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम किए जा रहा हैं।

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