
जरूरतमंद 59 बच्चों को स्कॉलरशिप प्रदान, स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 2000 से अधिक रोगियों को लाभ
डोईवाला- हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) के तहत संचालित ग्राम्य विकास संस्थान (रूरल डेवलेपमेंट इंस्टिट्यूट) का स्थापना दिवस समारोह 20 और 21 सितम्बर को उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिविरों, जागरूकता कार्यक्रमों और छात्रवृत्ति वितरण जैसे विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
रविवार को आरडीआई सभागार में आयोजित मुख्य समारोह का शुभारंभ संस्थापक डॉ. स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
समारोह के मुख्य अतिथि एचआईएचटी की अध्यक्षीय समिति के सदस्य एवं स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि गुरुदेव डॉ.स्वामी राम ने ग्रामीण क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से ही एचआईएचटी की नींव रखी थी। आरडीआई संकल्पना का बीज है, जो आज एक नन्हे पौधे से विकसित होकर विशाल वटवृक्ष का रूप लेकर जरूरतमंद लोगों को सेवा की छांव उपलब्ध करा रहा है।
आरडीआई की निदेशक बी. मैथिली ने संस्थान के इतिहास और कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन नीलम पाण्डेय ने किया। इस दौरान डायरेक्टर ऑपरेशन साधना मिश्रा, डॉ. राजीव बिज्लवाण, नीतेश कौशिक, सुनील खंडूड़ी सहित संस्थान के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
59 जरूरतमंद एवं मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति
आरडीआई स्थापना दिवस पर 59 जरूरतमंद एवं मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई। प्रत्येक बच्चे को दस हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी गई। इनमें 54 बच्चे ऐसे थे जो अनाथ या एकल अभिभावक के संरक्षण में हैं अथवा आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। ध्यान मंदिर ट्रस्ट की सचिव साधना मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से “सक्षम कार्यक्रम” संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत वर्तमान में 1000 से अधिक बच्चों को आजीविका, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर पांच बच्चों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई।
2000 से ज्यादा रोगियों को निशुल्क स्वास्थ्य परामर्श
हरिद्वार जिले के बहादराबाद, सलेमपुर और भगवानपुर जैसे क्षेत्रों में, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं, 35 कार्यकर्ताओं की टीम ने निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए। इन शिविरों से लगभग 2000 से अधिक रोगियों ने लाभ उठाया। साथ ही पांच स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें बच्चों को मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई और योगाभ्यास कराया गया। ड्रॉप-आउट बच्चों को भी विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा गया। इसके अतिरिक्त 1000 दिव्यागजनों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, आदि विषयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन सभी आयोजनों के माध्यम से संस्थान ने लगभग 5000 प्रतिभागियों तक पहुंच बनाई।