देहरादून। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मंगलवार को देहरादून के जू मालसी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान विधिवत पूजा अर्चना के साथ टाईगर बाड़े का उद्घाटन किया।
साथ ही माननीय वन मंत्री उनियाल ने टाईगर कन्जरवेशन फाऊंडेशन फॉर सीटीआरके शासी निकाय की १०वीं एवं वर्ष, 2025 में सालाना वन खेल आयोजन की मेजबानी के दृष्टिगत प्रारम्भिक रूप-रेखा निर्धारण संबंधित बैठक ली।
उनियाल ने कहा कि बाघ बाड़े का निर्माण केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति मिलने के पश्चात नियमानुसार मानकों के अनुरूप किया गया है। उक्त बाघ बाड़े का निर्माण देहरादून जू के 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले सफारी क्षेत्र में किया गया है। वर्तमान में इस बाघ बाड़े में 02 नर बाघ रखे गए हैं जिनको राज्य के अलग-अलग स्थानों से रेसक्यू करने के उपरांत कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के ढेला रेसक्यू सेंटर में रखा गया था। मंगलवार को मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड की स्वीकृति एवं निर्देशों के क्रम में दोनों नर बाघों को देहरादून जू लाया गया था। प्रथम बाघ की उम्र लगभग 6 वर्ष 9 माह है तथा द्वितीय बाघ की उम्र लगभग 4 वर्ष 9 माह है।
उत्तराखंड राज्य बाघों की संख्या के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर काबिज है, इस दृष्टि से देहरादून जू में पर्यटकों के अवलोकनार्थ बाघों के बाड़े का खोला जाना वन्यजीव संरक्षण एवं जन जागरूकता की दिशा में एक सराहनीय कदम है। उत्तराखण्ड में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, देहरादून जू में बाघ बाड़े के उद्घाटन के पश्चात इन्हे पर्यटकों को अन्य वन्यजीवों के साथ-साथ अब देहरादून शहर में बाघों के भी अवलोकन कर सकेंगे, जिससे देहरादून जू एवं राज्य की आय में वृद्धि हागी।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण, उत्तराखण्ड शासन, आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड डा. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड रंजन कुमार मिश्र, प्रमुख वन संरक्षक बीपी गुप्ता, अपर प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव), उत्तराखण्ड, विवेक पाण्डे, अपर प्रमुख वन संरक्षक (परियोजना) कपिल लाल,
अपर प्रमुख वन संरक्षक, गढ़वाल नरेश कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा,मुख्य यन संरक्षक मनोज चंद्रन, मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डा. पराग मधुकर धकाते, मुख्य वन संरक्षक ईको टूरिजमश्री पीके पात्रो, निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व साकेत बड़ोला, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त राजीव धीमान, वन संरक्षक यमुना श्रीमती कहकशां नसीम, निदेशक राजाजी डा. कोको रोसे, आदि मौजूद रहे।