देहरादून : उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सुद्धोवाला स्थित वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यू०टी०यू०) के ऑडिटोरियम में विश्वविद्यालय द्वारा भारत को आत्मनिर्भर, स्वस्थ और समृद्ध वैश्विक लीडर के रूप में विकसित बनाने के लिए विकसित भारत @ 2047 विषय पर सम्मेलन आयोजित किया गया।
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उदघाटन तकनीकी शिक्ष मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। सम्मेलन के उदघाटन से पहले मंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में 10 करोड की लागत से 124 क्षमता वाले महिला छात्रावास एवं टाईप 3 के चार आवासों के भवन निर्माण का भूमि पूजन किया । साथ ही उन्होंने इससे पूर्व से निर्माणाधीन विश्वविद्यालय के शैक्षणिक भवन को 27 जनवरी, 2025 से पूर्व तैयार किये जाने के भी निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये गये। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि विकसित भारत @ 2047 के सपनों को पूरा करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा और कहा कि टेक्नोलॉजी का सही दिशा में इस्तेमाल हो इस पर ध्यान केन्द्रित करने की भी जरूरत है। छात्र-छात्राओं का आह्वाहन किया कि हम सभी को मिल कर प्रयास करने होंगे कि टेक्नोलॉजी के गलत प्रयोग को कैसे रोका जाय इस पर काम करने की जरूरत है। आगे उन्होंने ग्लोब वार्मिंग पर जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल जैसे पहाडी राज्यों के तापमान में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ोत्तरी हुई है जो कि पूरे देश के औसत तापमान से ज्यादा है। ग्लोबल वार्मिंग पर हम सभी को ध्यान देने की आवश्कयता है कि किस तरह से बढ़ते तापमान व प्रदूषण को रोका जाय। अंत में उन्होंने ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए छात्रों को कहा कि सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें और अपने अभिभावकों के सपनों को साकार करने का प्रयास करें।
कुलपति प्रो० ओंकार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन के निश्चित रूप से भविष्य में सुखद परिणाम निकलेंगे। आगे कुलपति ने कहा कि आज परिसर में महिला छात्रावास और टाईप 3 के आवासों के निर्माण कार्यों की शुरूआत के साथ ही विश्वविद्यालय अपने आवासीय स्वरूप में भी परिवर्तित होगा जिससे विश्वविद्यालय के अकादमिक स्तर में और सुधार देखने को भविष्य में मिलेगा।
सम्मेलन में शिक्षा के क्षेत्र से सुधार राधी पाण्डे पूर्व कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले डॉ० बी०के०एस० संजय (पदमश्री), भारतीय सेना में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सैन्य अकादमी देहरादन के पूर्व कमाण्डेंट लेफ्टिनेट जनरल (सेवानिवृत्त) जे०एस० नेगी एवं न्यायिक सेवा में अपना योगदान देने वाले इलाहबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस महबूब अली तथा स्पेंडम ईसीजी ऑफ सनफॉक्स टेक्नोलॉजी के संस्थपक रजत जैन ने अपने-अपने क्षेत्रों में हासिल विशेषज्ञता पर सम्मेलन में विचार रखे।