नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में हरकी पैड़ी के समीप स्थित ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा मामले के पुनर्निर्माण किए जाने को लेकर दायर तीन जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि हरिद्वार में ज्ञान गोदड़ी स्थापित करने के लिए जगह चिन्हित करें।
बता दें कि आज हुई सुनवाई पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि हरकी पैड़ी पर केवल इनके द्वारा शांति पाठ किया गया था, इसलिए इनको वहां जगह नहीं दी जा सकती। जबकि इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि यह भूमि उन्हें आवंटित की गई थी, लेकिन नगर निगम हरिद्वार ने इस भूमि को आसान किश्तों में स्काउट ऑफिस को दे दी है। इससे पूर्व के आदेश पर यूपी सरकार ने तीन जगहों पर इसे स्थापित करने के लिए जगह का चयन किया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी। तब से यह मामला दोनों सरकारों के बीच 20 साल से अटका पड़ा हुआ है, इसलिए दोनों सरकारें इस पर शीघ्र निर्णय लेकर उन्हें इसे स्थापित करने के लिए जगह का चयन करें।
मामले के अनुसार शिरोमणि प्रबंधक कमेटी अमृतसर और दो अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार अंतर्गत आने वाले हरकी पैड़ी के समीप ज्ञान गोदड़ी में गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण किया जाए। याचिका में कहा गया है कि सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के हरिद्वार में प्रथम आगमन पर तत्कालीन लंढौरा नरेश ने अपनी हवेली में ज्ञान गोदड़ी का आयोजन किया था। गुरु नानक के आगमन पर हरकी पैड़ी में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए जगह आवंटित की थी, जो साल 1976 तक इस स्थान पर थी। लेकिन साल 1976 में हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी को वहां से इस आश्वासन पर हटाया गया कि उसे पुनः इसी स्थान पर स्थापित किया जाएगा। लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर और सिखों के पवित्र चिह्न को अभी तक वहां स्थापित भी नहीं किया गया है।