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हवाई जहाज मे परोसा जा रहा हलाल का मीट- जुगरान, केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

देहरादून: वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र जुगरण का कहना है कि आप जब भी हवाई जहाज से सफर करते हैं और भोजन में नोनवेज आर्डर करते हैं तो हो जाइये सावधान, कहीं आपको हलाल का मीट तो नहीं परोसा जा रहा है

जी हाँ वरिष्ठ भाजपा नेता रविन्द्र जुगरान ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू को पत्र लिखकर यह शिकायत की है कि भारत में संचालित हो रही विभिन्न विमान सेवाओं में यात्रिओं को भोजन में हलाल सर्टिफाइड नोनवेज (मीट) परोसा जा रहा है, जुगरान ने केन्द्रीय मंत्री से इसकी जाँच कराने की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो पाये कि भारत की कौन कौन सी विमान सेवाओं में हलाल सर्टिफाइड मीट परोसा जा रहा है, जुगरान ने केन्द्रीय मंत्री को साक्ष्य के रूप में हवाई जहाजों में कैटरिंग सेवा प्रदान करने वाले विभिन्न वेंडरों को मीट सप्लाई करने वाली कंपनियों द्वारा प्रदान किये गये हलाल सर्टिफिकेट की प्रति भेजी है,
जुगरान ने बताया कि उन्हें प्राप्त जानकारी के अनुसार विमान सेवाओं में कैटरिंग सेवा प्रदान करने वाले कुछ वेंडर हलाल सर्टिफाइड मीट खरीद रहे हैं और वही मीट विमान में यात्रियों को नोनवेज भोजन में परोसा जा रहा है, इसमें बड़ा संशय है कि देश में संचालित हो रही सभी विमान सेवाओं में क्या हलाल सर्टिफाइड मीट तो नहीं परोसा जा रहा है ? क्योंकि वर्तमान में कोई भी विमानन कंपनी यात्रिओं को नोनवेज भोजन में झटका अथवा हलाल मीट चुनने का विकल्प प्रदान नहीं करती है,

जुगरान ने पत्र में लिखा है कि इस देश की बहुसंख्यक आबादी झटका मीट खाती है, भारत में विमान में यात्रा करने वाली अधिकतर आबादी भी बहुसंख्यक हैA किसी भी विमान में यात्रियों का औसत निकाला जाये तो आमतौर पर अन्य के अलावा बहुसंख्यक यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है, कुछ विमान सेवाओं में या फिर सभी में यदि हलाल सर्टिफाइड मीट परोसा जा रहा है तो यह देश की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, विमान में यात्रा करने वाले यात्रियों को उनकी रुचि के अनुसार झटका अथवा हलाल का मीट दिया जाना चाहिये,

इस प्रकरण में संशय होने के दो कारण हैं, पहला कारण है कि जब भी कोई विमानन कंपनी यात्रियों को हवाई सफर में नोनवेज भोजन परोसती है तो उन्हें यह नहीं बताया जाता है कि यह झटका का मीट है या हलाल का मीट है, यात्रियों से यह बात छुपायी जाती है,

संशय होने का दूसरा कारण यह है कि विमानन कम्पनियाँ यात्रियों को टिकट बुकिंग के समय नोनवेज भोजन में झटका अथवा हलाल मीट चुनने का विकल्प प्रदान नहीं करती है, यात्रियों को नोनवेज भोजन में झटका अथवा हलाल चुनने का विकल्प दिया जाना चाहिये लेकिन विमानन कंपनियों द्वारा यात्रियों को यह सुविधा प्रदान ही नहीं की जा रही है

जुगरान ने केन्द्रीय मंत्री से मांग की है कि देश की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं से जुड़े इस संदेहास्पद प्रकरण की जाँच करवायी जानी आवश्यक है जिसमें निम्न तथ्यों की मुख्यतः जाँच करायी जाये –
(i) भारत की सभी विमानन कम्पनियों को कैटरिंग सेवा प्रदान करने वाले सभी वेंडरों की जाँच की जाये कि कौन कौन से वेंडर झटका मीट खरीद रहे हैं और कौन से वेंडर हलाल मीट खरीद रहे हैं ?
(ii) क्या भारत सरकार ने विमानन कम्पनियों को झटका और हलाल दोनों प्रकार का मीट यात्रियों को परोसने की अनुमति प्रदान की है ?
(iii) जो वेंडर केवल हलाल का ही मीट खरीद रहे हैं, सभी यात्रियों को हलाल का मीट परोसने की उन्हें किसने अनुमति प्रदान की है और कब प्रदान की है ?
(iv) यदि सभी या कुछ विमान सेवाओं में हलाल का मीट परोसा जा रहा है तो इसकी जाँच की जाये कि यह सब कब से चल रहा है ?
(v) ऐसी कौन कौन सी विमान सेवायें हैं जो केवल हलाल का मीट यात्रियों को परोस रही हैं ?
(vi) ऐसी कौन कौन सी विमान सेवायें हैं जो झटका का मीट यात्रियों को परोस रही हैं ?
(vii) यदि भारत सरकार द्वारा दोनों प्रकार का मीट परोसने की अनुमति प्रदान की गयी है तो फिर विमानन कम्पनियां यात्रियों को टिकट बुकिंग के समय नोनवेज भोजन में झटका अथवा हलाल चुनने का विकल्प क्यों नहीं प्रदान कर रही हैं ? 
(viii) भारत सरकार द्वारा विमानन कंपनियों के लिये यात्रियों के नोनवेज भोजन से सम्बंधित जो भी मानक तय किये गये हैं क्या विमानन कंपनियों द्वारा उनका अनुपालन किया जा रहा है ?

यह मामला गंभीर है और देश की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं और मान्यताओं से जुडा हुआ है, नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इसकी जाँच कराकर जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिये

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