सवा क्विंटल लडडू का प्रसाद, 108 भगवा ध्वज के साथ बाबा केदार का स्मृति चिन्ह भी रहेगा साथ,
2010 में भविष्य बद्री में लिया था संकल्प,
सन्यासी वस्त्र प्रभु राम के मंदिर निर्माण के बाद ही करेंगी धारण,
रुद्रप्रयाग। हिमालय लाडली से विख्यात साध्वी विचित्र रचना श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देवभूमि के चारधामों से गंगा जल लेकर जायेंगी। इसके साथ ही साध्वी सवा क्विंटल लड्डू का प्रसाद, 108 भगवा ध्वज के अलावा केदारनाथ बाबा का स्मृति चिन्ह लेकर भी अयोध्या जायेंगी। श्रीराम के अयोध्या लौटने पर साध्वी का भी वनवास खत्म होने जा रहा है। उन्होंने वर्ष 2010 में भविष्य बद्री में संकल्प लिया था कि वे साधु होने के बाद भी सन्यासी के वस्त्र तब तक नहीं पहनेंगी, जब तक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर प्रभु का मंदिर नहीं बनता और उस पर भगवा ध्वज नहीं लहराता। साध्वी विचित्र रचना का यह संकल्प श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूरा होने जा रहा है।
बता दें कि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर पीएम नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। समारोह को भव्य बनाने को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर हिमालय लाडली से विख्यात एवं अखण्ड भारत शक्तिपीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष व कथा ब्यास साध्वी विचित्र रचना भी अयोध्या जा रही हैं। वे श्रीराम के अयोध्या लौटने पर देवभूमि उत्तराखण्ड से गंगा जल लेकर जायेंगी, जिसमें गौरीकुंड, मंदाकिनी, अलकनंदा, रुद्रप्रयाग संगम, देवप्रयाग संगम, गंगोत्री गौमुख, यमुनोत्री उदगम से गंगा जल लेकर जायेंगी। इसके अलावा हर की पौड़ी हरिद्वार व नर्वदा मध्यप्रदेश से गंगा जल लाकर अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगी। साध्वी विचित्र रचना सवा क्विंटल लड्डू का प्रसाद, 108 भगवा ध्वज तथा केदारनाथ बाबा का स्मृति चिन्ह भी अयोध्या लेकर जायेंगी। अखण्ड भारत शक्तिपीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं कथा ब्यास साध्वी विचित्र रचना ने बताया कि प्रभु श्रीराम चन्द्र 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और उनका संकल्प भी 14 वर्ष बाद पूरा होने जा रहा है। यह सौभाग्य है कि बाबा केदारनाथ एवं भगवान नारायण सहित भगवती आदि शक्ति की कृपा से 22 जनवरी को पावन नगरी अयोध्या में श्रीराम चन्द्र का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने जा रहा है। बताया कि 2010 में उन्होंने एक संकल्प लिया था कि वे साधु होने के बाद भी सन्यासी के वस्त्र तब तक नहीं पहनेंगी, जब तक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर प्रभु का मंदिर नहीं बनता और उस पर भगवा ध्वज नहीं लहराता। इस पर उनके गुरूपरिवार के लोग टोकते थे, लेकिन उन्होंने भविष्यबद्री में शीतकाल में घोर तपस्या की, जिस समय पशु-पक्षी और मनुष्य भी उस स्थान को छोड़ देते हैं। ऐसे स्थान पर 6 माह तपस्या पूर्ण होने पर अक्षय तृतीया को श्रीमद् भागवत कथा संपूर्ण की। उनकी इस तपस्या और संकल्प से उनके दोनों गुरुदेव हनुमान जी महाराज एवं स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज बहुत प्रसन्न हुए। साध्वी विचित्र रचना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी का धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि पांच सै साल बाद सनातनियों की प्रतीक्षा पूरी होने जा रही है। साथ ही हिमालय लाड़ली साध्वी विचित्र रचना का संकल्प भी 22 जनवरी को अयोध्या में मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लगाकर और भगवा वस्त्र धारण कर पूर्ण होगा।
साध्वी विचित्र रचना जहां एक ओर समाज के गरीब लोगों की मदद के लिए आगे आती रही हैं, वहीं निराश्रित गौ वंश के संरक्षण को लेकर भी कार्य कर रही हैं। उनकी ओर से गौहरीमाफी रायवाला ऋषिकेश में गाय और नंदी के संरक्षण को लेकर गौ धाम का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें करीब एक हजार से ज्यादा गाय और नंदी का संरक्षण होगा। उनका संकल्प है कि वे शहरों में निराश्रित घूम रही गाय और नंदी को संरक्षण लेकर कार्य करेंगी और इनके लिए एक आशियाना तैयार कर इनके जीवन को बचायेंगी।