कांग्रेस के हंगामे के बीच दूसरे दिन ही सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
नैनीताल डीएम के तबादले, एसएसपी के निलंबन पर अड़ा रहा विपक्ष

पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर किया हंगामा
दूसरे दिन भी विपक्ष कार्यवाही के दौरान करता रहा हंगामा
गैरसैंण। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में 19 अगस्त से शुरू हुआ विधानसभा का मॉनसून सत्र दूसरे दिन 20 अगस्त को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा मॉनसून सत्र का दूसरा दिन भी पहले दिन की तरह की हंगामेदार रहा। विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा रहा। इसी बीच सरकार की ओर से 9 विधेयक और 5,315.89 करोड़ का अनुपूरक बजट पास करवा लिया गया है। पहले दिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद से जारी विपक्षी विधायकों का धरना रात को भी चला। आज सुबह भी विपक्ष का धरना जारी रहा। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी विपक्ष नहीं माना हैै। सरकार से विपक्षी तीन मांगें कर रहा था जिसमें जिला अधिकारी नैनीताल का तबादला, एसएसपी का निलंबन और कांग्रेस नेताओं पर लगे से मुकदमा वापसी शामिल है।
सत्र के पहले दिन यानी मंगलवार को विधानसभा में 9 विधेयक पेश किए गए। जिनमें धर्मांतरण विरोधी विधेयक, अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक और 5,315 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी शामिल है। वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा किया, लेकिन उनके हंगामे के बीच बजट और विधेयक पेश किए गए। वहीं, आज सभी विधेयक पास कर दिए गए हैं।
दरअसल, गैरसैंण मानसून सत्र के पहले दिन सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता यशपाल आर्य और कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में कथित धांधली एवं बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 310 के तहत तत्काल चर्चा की मांग की। जिसका अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी समर्थन किया। इसके बाद सभी विपक्षी विधायक नारेबाजी करने लगे। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्षी विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने का अनुरोध किया।
विपक्षी सदस्य लगातार नारे लगाते रहे। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी नेताओं ने फिर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने विधानसभा सचिव की टेबल पलटने की कोशिश की। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कार्यवाही को फिर स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। विपक्षी सदस्यों ने फिर से विधानसभा सचिव की मेज पलटने की कोशिश की। इतना ही नहीं उन्होंने कागज फाड़कर अध्यक्ष के आसन के सामने हवा में उछाल दिए। साथ ही माइक को उठाकर पटक दिया। इस पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही फिर स्थगित कर दी, जिसके चलते प्रश्नकाल के लिए आवंटित समय हंगामे के कारण पूरी तरह बाधित हो गया।
इस तरह से सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई। सदन स्थगित होने के बाद भी नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के आसन के सामने बैठे रहे और नारे लगाते रहे। हालांकि, दिन की कार्यवाही के दौरान राज्य सरकार उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक और उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक समेत 8 विधेयक पेश करने में सफल रही। इसके साथ ही 5,315 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी पेश किया गया।
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पूर्व कांग्रेस विधायकों ने पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ विधानसभा के बाहर धरना भी दिया। वहीं, विपक्षी विधायक विधानसभा सदन से बाहर नहीं निकले। विपक्षी विधायकों ने भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के अंदर धरना देते हुए पूरी रात सदन में ही गुजार दी।
व्यवस्था पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। हंगामे के कारण सदन एक बार फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित।
संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने कहा विपक्ष ने सदन को होटल बना दिया है
गैरसैंण में विपक्ष के रातभर चले धरने पर संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने प्रतिक्रिया दी है। संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विपक्ष ने सदन को होटल बना दिया है। उन्होंने कहा कि मनाने का प्रयास हुआ है, लेकिन विपक्ष हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि सत्ता पक्ष तैयार है, लेकिन विपक्ष के पास विजन नहीं है, मुद्दे नहीं हैं इसलिए वह भागने का काम कर रहा है।
मॉर्निंग वॉक के दौरान सुरक्षाकर्मियों से मिले सीएम धामी
गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विधानसभा के मॉनसून सत्र के लिए पहुंचे सीएम धामी ने आज दूसरे दिन भी सुबह की सैर के दौरान लोगों से मुलाकात की। विधानसभा सत्र के दृष्टिगत तैनात सुरक्षाकर्मियों से मुख्यमंत्री ने भेंट कर उनके आवास, भोजन तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की जानकारी ली। सीएम धामी ने कहा कि कठिन भौगोलिक एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में कर्तव्य निर्वहन कर रहे पुलिस बल का अदम्य साहस एवं प्रतिबद्धता हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। धराली जैसे आपदा-प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्रों में भी हमारे पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शित अनुकरणीय कार्यक्षमता और सेवाभावना अत्यंत सराहनीय रही है, जिसने संपूर्ण बल की कार्यदक्षता को नई पहचान दी है।