बर्फबारी से बढ़ी ठिठुरन
विकासनगर। उत्तराखंड में मौसम विभाग की भविष्यवाणी एक बार फिर सही साबित हुई है। चकराता के आसपास की ऊंची पहाड़ियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। सीजन की पहली बर्फबारी से व्यवसायियों, किसानों के चहरे खिल गए हैं। चकराता में बर्फबारी के बाद यहां पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है।
बता दें, लंबे समय से किसान और बागवान बारिश और बर्फबारी का इंतजा कर रहे थे। आमजन बारिश और बर्फबारी समय से न होने पर काफी चिंतित नजर आ रहे थे। आज लंबे समय के बाद चकराता की पहाड़ियों लोखंडी में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। आसमान से बर्फ के फोहे गिरते नजर आ रहे हैं। बर्फबारी के बाद किसान, बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। होटल व्यवसायी भी काफी खुश हैं।
लोखंडी निवासी रोहन राणा ने बताया सीजन की पहली बर्फबारी लोखंडी चकराता में हुई है। जिससे यहां के मौसम में ठंडक आ गई है। उन्होंने कहा लंबे समय से लोगों को बर्फबारी का इंतजार था। अब लोगों का इंतजार खत्म हो गया है। उन्होंने कहा बर्फबारी होने के बाद अब पर्यटक चकराता की ओर रुख करेंगे। उन्होंने बताया सीजन की पहली बर्फबारी के बाद एक बार फिर से चकराता में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। उन्होंने कहा बर्फबारी होने के बाद चकराता की खूबसूरती में चार चांद लग गये हैं।
भारी बारिश व बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी
देहरादून। उत्तराखंड में आज से मौसम के करवट बदलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, हिमालय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे चुका है। पर्वतीय क्षेत्रों में बादल मंडरा रहे हैं। इससे बुधवार और गुरुवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बर्फबारी हो सकती है। इसके अलावा अन्य जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा और ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, हाल के दिनों में मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक वर्षा-बर्फबारी नहीं हुई। अब अगले कुछ दिन मौसम मेहरबान रहने की उम्मीद जगी है। करीब ढाई माह बाद प्रदेश में वर्षा के आसार हैं। जिससे तापमान में भी गिरावट आ सकती है। दून में मंगलवार को सुबह हल्का कोहरा और धुंध छाने से कंपकंपी बढ़ गई। वहीं, अन्य मैदानी क्षेत्रों में भी कोहरे का प्रकोप जारी रहा। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में आंशिक बादल मंडराने लगे हैं। नवंबर की शुरुआत में हुई हल्की वर्षा के बाद से मौसम रूठा हुआ है। शुष्क मौसम के कारण लंबे समय से मैदान में कोहरा और पहाड़ों में पाले ने आमजन की मुश्किलें बढ़ाईं।