देहरादून। दून की नदियों में अतिक्रमण मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त रुख अपनाते हुए नदी के फ्लड जोन को चिन्हित कर नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून की रिस्पना नदी को अतिक्रमण मुक्त करने की शुरुआत कर दी गई है। फिलहाल इसके लिए सिंचाई विभाग की तरफ से फ्लड जोन का निर्धारण किया जा रहा है। रिस्पना नदी देहरादून के बीचों बीच से होकर गुजरती है और समय के साथ तेजी से इस पर अतिक्रमण भी बढ़े हैं। रिस्पना नदी पर कई अवैध बस्तियां मौजूद हैं और अब फ्लड जोन के चिन्हीकरण के दौरान ये बस्तियां भी रडार पर आ सकती है। एनजीटी नदी पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर इस कदर सख्त है कि उसने अतिक्रमण को हटाने के लिए अफसर को पहले ही निर्देशित कर दिया है। रिस्पना नदी के फ्लड जोन का सिंचाई विभाग द्वारा निर्धारण किया जाना है।
इसके लिए सिंचाई विभाग की टीम में नदी के दोनों छोरों का आकलन कर रही है. हालांकि रिस्पना नदी में अब बेहद कम पानी रह गया है और समय के साथ इसकी चौड़ाई भी कम हो गई है। नदी के दोनों तरफ पक्के निर्माण भी तेजी से हुए हैं। मानसून के दौरान कई बार पानी बढ़ने पर आसपास के क्षेत्र में जलभराव जैसी स्थिति हो जाती है और पुश्तों के टूटने की भी जानकारी मिलती रहती है। सिंचाई विभाग की टीम में जलभराव के दौरान नदी के दोनों तरफ बाढ़ जैसी स्थिति की संभावना वाले क्षेत्र का आकलन करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रशासन को प्रेषित करेगी।
एनजीटी के निर्देशों के बाद देहरादून नगर निगम के आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि फिलहाल सिंचाई विभाग द्वारा सर्वे का काम किया जा रहा है और नदी पर अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। फिलहाल एनजीटी ने 2 महीने के भीतर फ्लड प्लान जॉन का डिमार्केशन करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद नोटिफिकेशन होते ही नगर निगम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर देगा।