- ऋषिकेश: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, गीता नगर, ऋषिकेश द्वारा
“प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर एक भव्य विशेष कार्यक्रम त्रिवेणी घाट के तट पर आयोजित किया गया। ऋषिकेश के सभी महान संतों ने मंच को साझा करते हुये अपने विचार रखें। कार्यक्रम का शुभारंभ संतों एवं ब्रह्मकुमारी बहनों द्वारा दीप प्रज्वल कर किया गया। देहरादून सब जोन की प्रशासनिका बी०के० मंजू दीदी द्वारा बताया, हम बड़े सौभाग्यशाली हैं कि आज प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर एकत्रित हुए हैं, आज समय व विश्व करवट बदल रहा है, धर्म व चरित्र के हनन के बाद अब समय आ गया है कि भारत भूमि पर स्वर्ग उतरेगा, हमें अटेंशन होकर टेंशन को खत्म करना है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी में सिखाया जाने वाला योग राजयोग कहलाता है। ज्ञान के लिए सबसे जरूरी है मन का शक्तिशाली होना। आत्मा की तीन शक्तियों मन, बुद्धि, संस्कार में समन्वय ही ध्यान है।
मंच का संचालन कर रहे भ्राता बी०के० सुशील भाई ने कहा अब स्पष्ट हो गया है कि ध्यान कितना जरूरी है क्योंकि सिर्फ विचार शून्य होकर बैठना ही ध्यान नहीं है, जब हम ध्यान में बैठते हैं हमारी कॉस्मिक एनर्जी यूनिवर्स से रिचार्ज होती है और राजयोग के माध्यम से ब्रह्माकुमारी स्वयं को रिचार्ज कर रहे हैं।
महंत रवि प्रपंनाचार्य शास्त्री ने कहा ब्रह्माकुमारी एकमात्र ऐसी संस्था है सब को जोड़कर एक साथ लेकर चलने का कार्य कर रही है और इस प्रथम ध्यान दिवस पर मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह संस्था इसी तरह कार्य करती रहे।
योगीराज प्रण्व चैतन्य जी महाराज ने कहा परमेश्वर एक है अनेक नहीं, मनुष्य ने अपने लालच में ध्यान को जटिल बना दिया है, ब्रह्माकुमारी साधना विश्वविद्यालय में आकर हम देखते हैं कि कितने अनुशासन तरीके से ज्ञान व ध्यान द्वारा अशांत वातावरण को शांतिमय बनाया जा रहा है साथ ही कहा की आत्मा और परमात्मा को जोड़ना ही योग है।
भ्राता शैलेंद्र सिंह नेगी (नगर आयुक्त) ने बताया की ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट परिसर पर आयोजित इस प्रथम विश्व ध्यान दिवस का हिस्सा बना मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है इस ऐतिहासिक पल पर मैं सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं और जिस प्रकार यह संस्था लोगों में जागरूकता लाने कार्य करती कर रही है मेरी शुभकामनाएं है कि इसी तरह कार्य करती रहे।
स्वामी ब्रह्मानंद महाराज ने बताया आज के कार्यक्रम से ज्ञान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है वैसे तो ब्रह्माकुमारी संस्था बहुत समय से इस विषय पर कार्य कर रही है, मेडिटेशन टेंशन को दूर करने का एकमात्र माध्यम है, इसके लिए हमें पात्र बनने की आवश्यकता है,साथ ही कहा कि ध्यान से पहले यम( सत्य, अहिंसा ,ब्रह्मचर्य) का जीवन में होना अनिवार्य है।
स्वामी आशुतोष महाराज ने कहा जिन लोगों को हम समाज से बहिष्कृत करते हैं उनको कौन गले लगाते हैं ब्रह्माकुमारी बहाने मेहविश भवन में देखता हूं कि कारागार में भी बहनों द्वारा विभिन्न ज्ञान के कार्यक्रम आयोजित कर उनकी मनस्थिति को बदलने का प्रयास किया जा रहा है जो कि सराहनीय है, ऊर्जा शक्ति का संग्रह है, हमारी हथेली व उंगलियां।
वह हो जाएगा कल महामंडलेश्वर स्वामी सरस्वती कर्णपाल गिरी महाराज ने बताया
स्वामी समर्पण महाराज ने बताया कि राजयोग के सात स्टेप मेडिटेशन है, ब्रह्माकुमारी संस्था एकमात्र है जो इन सभी पर कार्य कर मेडिटेशन की अनुभूति कराती है, मेडिटेशन मन का मैनेजमेंट है, क्योंकि समाधि का मतलब है पीस एंड हार्मनी ।
ऋषिकेश सेंटर की प्रमुख प्रशासिका बी०के० आरती दीदी ने सर्वप्रथम सभी संतों का अभिवादन करते हुए ओम शांति के मंत्र की महिमा बतायी एवं बताया कि इस मंत्र में स्थित होना ही ध्यान है हम सभी ईश्वर की संतान भाई-भाई हैं परमात्मा शिव के गुणो का चिंतन करना ही ध्यान है।
स्वामी स्वतंत्रानंद ने बताया सनातन धर्म हजारों साल पहले पुराना है जबकि बाकी सारे धर्म 2000 साल से पुराने नहीं है। विज्ञान हमें सुविधा तो दे रहा है पर हमारी शांति चली गई है। पीस ऑफ माइंड के लिए सबसे अच्छा उपाय है मेडिटेशन। जब किसी भी चीज पर अटेंशन देते हैं तो नेगेटिव और फालतू विचार रुक जाते हैं।आज परमात्मा ब्रह्मकुमारी बहनों के माध्यम से विश्व में शांति स्थापित कर रहा है ब्रह्माकुमारी बहने सनातन धर्म के पुनरुत्थान के लिए कार्य कर रही हैं, हम सभी उनके इस पुनीत कार्य में उनको सहयोग देने के लिए उनके पीछे तैयार खड़े हैं।
इस अवसर पर उपस्थित संतों में सर्वप्रथम महामंडलेश्वर स्वामी सर्व कर्मपाल गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी श्री श्री 1008 ईश्वर दास , स्वामी आशुतोष महाराज, स्वामी आदि योगीराज, स्वामी रवि प्रपन्नाचार्य शास्त्री महाराज, स्वामी स्वतंत्रतानंद सरस्वती महाराज, योगीराज स्वामी प्रणव चैतन्य महाराज, स्वामी आलोक हरि, स्वामी शिवानंद महाराज, स्वामी श्री ब्रह्मानंद , साध्वी भैरवी चैतन्य, दर्शनी चैतन्य (वैदिक फाउंडेशन) स्वामी संपूर्णानंद जी महाराज आदि
तथा देहरादून, डाकपत्थर, विकास नगर, इत्यादि स्थानो से 500 से अधिक बी०के० भाई बहनों ने कार्यक्रम में शिरकत की तथा ऋषिकेश शहर के गणमान्य व्यक्तियों जैसे ललित मिश्रा, सीनियर सिटीजन अध्यक्ष प्रमोद जैन , नवल कपूर जी इत्यादि के साथ सैकड़ो ऋषिकेश वासियों ने इस प्रथम विश्व ध्यान दिवस का फायदा उठाया एवं मेडिटेशन का अनुभव किया।
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