
शुक्रवार को 400 लोगों को निकाला सुरक्षित
आज शाम तक वैली ब्रिज तैयार होने की उम्मीद
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले का धराली क्षेत्र इन दिनों आपदा की मार झेल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ग्राउंड जीरो पर रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस दौरान शुक्रवार को हर्षिल में गुजरात की एक महिला पर्यटक ने अपने दुपट्टे का एक हिस्सा फाड़कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई पर राखी बांधी और आपदा राहत कार्यों के लिए आभार एवं सराहना प्रकट की।
इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धराली में अचानक आई बाढ़ से पूरा शहर आपदा का शिकार हो गया है। कई सड़कें, पुल, इमारतें, होटल, होमस्टे और घर नष्ट हो गए हैं। लोग व्यथित हैं। आपदा से कृषि पूरी तरह तबाह हो गई है।
सीएम धामी ने लोगों को आश्वस्त किया है कि सरकार जल्द ही सब कुछ व्यवस्थित कर देगी। बिजली सेवा क्षतिग्रस्त हो गई है, जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास जारी हैं। मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है। गंगनानी सहित कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। यहां आए 500 पर्यटकों में से 400 लोगों को हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाया गया है।
बता दें कि उत्तरकाशी जिले में धराली बाजार के ऊपर पहाड़ी से 5 अगस्त को खीरगंगा में दोपहर करीब 1.30 बजे पानी के सैलाब के साथ मलबा भी बड़ी तेजी आया था। पानी और मलबा इतनी तेजी से नीचे आया कि लोगों को जान बचाने का भी मौका नहीं मिला था। कई लोग करीब 50 फीट मलबे के नीचे ही दब गये थे।
आपदा से पूरी हर्षिल घाटी को नुकसान पहुंचा है। भटवाड़ी से आगे धराली तक जगह-जगह मार्ग टूटा हुआ है। इसीलिए हर्षिल घाटी और गंगोत्री में फंसे तीर्थयात्रियों व पर्यटकों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। प्रशासन के मुताबिक आज शुक्रवार को करीब 400 लोगों को निकाला जाना है। गगनानी में पुल टूटा हुआ है। बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) और सेना की टीम गंगनानी में वैली ब्रिज बनाने में लगी हुई हैं। उम्मीद है कि आज शुक्रवार शाम तक वैली ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं हर्षिल घाटी में मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल हो चुकी है। आज तक जिन क्षेत्रों में बिजली की समस्या है, वो भी दूर हो जाएगी।
49 लोगों के लापता होने की जिला प्रशासन ने की पुष्टि
उत्तरकाशी। इस आपदा को लेकर शुक्रवार 8 अगस्त को उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने जो अपडेट दिया है, उसके मुताबिक अभी तक 49 लोगों को लापता होने की जानकारी मिली है। वहीं 5 लोगों की मौत हुई है। उत्तराखंड एसडीआरएफ के अलावा एनडीआरएफ, आईटीबीपी, आर्मी और वायु सेना की अलग-अलग टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है।