चर्चाओं में एसडीएम मनीष बिष्ट नियुक्ति मामला
बॉबी पंवार की चेतावनी समय आने पर बेहतर जवाब दिया जाएगा
19 पीसीएस अधिकारियों ने लिखा सचिव कार्मिक का पत्र
देहरादून। एसडीएम मनीष बिष्ट नियुक्ति प्रकरण पर अब लड़ाई आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। बेरोजगार संघ ने उधमसिंह नगर के उन 18 पीसीएस अधिकारियों को खुली चेतावनी दे दी है जिन्होंने नियुक्ति प्रकरण पर लगाए गए आरोपों को गलत बताकर सचिव कार्मिक से कार्रवाई की मांग की थी। मजेदार बात यह है कि बेरोजगार संघ के अध्यक्ष के एक्स पर पोस्ट करने के बाद देहरादून के 10 पीसीएस अधिकारी भी एसडीएम मनीष बिष्ट के पक्ष में लामबद्ध हो गए हैं।
बेरोजगार संगठन ने डिप्टी कलेक्टर मनीष बिष्ट की कथित अवैध नियुक्ति का मामला उठाया तो उधम सिंह नगर में तैनात पीसीएस अधिकारियों ने इस पर अपना विरोध दर्ज करा दिया। इतना ही नहीं आरोप लगाने वालों के खिलाफ भी सचिव कार्मिक शैलेश बगौली को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। यूएस नगर के 18 पीसीएस अधिकारियों का यह पत्र जैसे ही वायरल हुआ बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया इस पर दे डाली। बेरोजगार संगठन के बॉबी पवार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘प्रदेश में ईमानदार कर्मचारी और अधिकारी तो बच जाएंगे परंतु बेईमानों को सही समय आने पर बेहतर जवाब दिया जाएगा’ इसके साथ उन्होंने उन 18 पीसीएस अधिकारियों के हस्ताक्षर वाले पत्र को भी इसमें अटैच किया है।
जाहिर तौर पर यह इन 18 पीसीएस अधिकारियों के लिए चेतावनी मानी जा सकती है जिन्होंने संगठन के पदाधिकारी पर गलत आरोप लगाने को लेकर कार्रवाई की मांग की थी। बॉबी पंवार की इस पोस्ट के बाद पीसीएस अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। इसका जवाब भी जल्द ही देहरादून जिले के पीसीएस अधिकारियों ने दे डाला। इस बार देहरादून जिले में तैनात 10 पीसीएस अधिकारियों के नाम से एक पत्र सचिव कार्मिक को भेज कर फिर से मनीष बिष्ट के संबंध में गलत आरोप लगाए जाने की बात कही गई है।
एक तरफ मनीष बिष्ट की नियुक्ति पर बेरोजगार संगठन के लामबंद होने के बाद उधम सिंह नगर में तैनात पीसीएस अधिकारियों ने एक जुटता दिखाई तो बेरोजगार संघ के बॉबी पवार द्वारा चेतावनी भारी लहजे में अधिकारियों को समय पर जवाब देने की बात का पोस्ट सामने आने के बाद देहरादून के पीसीएस अधिकारी भी एकजुट दिखाई दिए। माना जा रहा है कि इस मामले में जिस तरह बेरोजगार संघ ने आक्रामक रुख दिखाया है उसके बाद पीसीएस अधिकारी एक साथ खड़े होकर मजबूती से अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने भी रखने जा रहे हैं। हालांकि, अभी सचिव कार्मिक को पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों ने पहली बार किसी एक पीसीएस को लेकर इस तरह जिला स्तर पर अपनी एक जुटता दिखाई है।