उत्तराखंडदहशत

टनल निर्माण से मकानों में आई दरारें; दहशत में ग्रामीण

ऋषिकेश। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सुरंग खोदाई के चलते व्यासी के निकट बल्दियाखान गांव में मकानों पर दरारें आ गई हैं, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि टनल निर्माण से गांव को लगातार खतरा बढ़ रहा है, ऐसे में गांव को विस्थापन करना ही एक मात्र विकल्प रह गया है। ग्रामीणों ने रेल विकास निगम से गांव के प्रभावित डेढ़ दर्जन परिवारों को विस्थापन देने तथा प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार देने की मांग की है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण इन दिनों गतिमान है। 125 किलोमीटर लंबाई की, यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर सुरंगों के अंदर से होकर गुजरेगी। परियोजना के लिए मजबूत पहाड़ों को खोदकर टनल तैयार की जा रही है। कई जगह कठोर चट्टानों को काटने के लिए शक्तिशाली विस्फोट भी किए जा रहे हैं। जिससे परियोजना क्षेत्र में कई जगह आसपास के गांव और घरों में दरारें आने की शिकायतें भी सामने आई हैं। शिवपुरी व व्यासी के बीच लोडसी ग्राम पंचायत का बल्दियाखान गांव भी परियोजना के सुरंग के ठीक ऊपर बसा है। जब से इस गांव के नीचे सुरंग की खोदाई शुरू हुई, तब से लगातार ग्रामीणों के घरों में दरारें आ रही हैं। करीब ढाई साल पहले बल्दियाखान गांव के मकानों पर दरारें आने के बाद स्थानीय नागरिकों ने रेल विकास निगम तथा कार्यदायी संस्था के खिलाफ आंदोलन किया था।
ग्रामीणों ने तब भी यहां प्रभावित गांव को विस्थापित करने की मांग की थी। मगर, बाद में जिला प्रशासन की मध्यस्थता से रेल विकास निगम ने मकानों के मरम्मत के लिए ग्रामीणों को धनराशि दी थी। ग्रामीणों ने इस धनराशि से मकानों की मरम्मत भी करवाई। मगर, अब चार माह बाद फिर से मकानों पर दरारें पड़ने लगी हैं। जिससे ग्रामीण फिर दहशत में आ गए हैं।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!