अमिताभ बच्चन इसलिए अमिताभ हैं
मुम्बई: अमिताभ बच्चन ऐसे स्टार हैं जिन्होंने स्टारडम की परिभाषा को बदलकर रख दिया,आमतौर पर हर तारा चमकने के बाद कभी न कभी टूट जाता है लेकिन अमिताभ आज भी टॉप पर हैं जबकि उनकी उम्र अस्सी पार है,इस उम्र तक दुनिया का कोई भी सुपर स्टार नहीं चमका लेकिन अमिताभ इसलिए चमक रहे हैं क्योंकि वे तारे नहीं बल्कि अमिताभ हैं जैसा नाम वैसा परिणाम। असल में अमिताभ मेहनती बहुत हैं और समय के साथ परिवर्तनशील भी, उनकी यही दो विशेषताएं उनको टॉप पर रखती हैं।आमतौर पर लोग उनकी एक्टिंग की चर्चा करते हैं और उसी के अनुसार उनका आकलन करते हैं लेकिन अमिताभ सिर्फ एक्टर नही बल्कि कुछ और ही हैं। एक बार शाहरुख खान को भी यह गलत फहमी हुई कि अमिताभ की फिल्में और उनका शो करके मैं अमिताभ हो जाऊंगा लेकिन शाहरुख ने कौन बनेगा करोड़पति के दो सीजन किए पहला तो जैसे तैसे चल गया लेकिन दूसरे सीजन को तो बीच में ही बंद करना पड़ा। शाहरुख ने फिल्म डॉन भी बनाई लेकिन आज भी अमिताभ की डॉन ही ज्यादा सर्च की जाती है और यू ट्यूब या अन्य प्लेटफार्म पर उनका खईके पान ही लोग ज्यादा देखते हैं। अमिताभ की क्वालिटी एकदम अलग है इसीलिए आज भी वे टॉप पर हैं। इतने लंबे कैरियर में कभी उनका किसी साथी से झगड़ा नहीं हुआ, उनके कभी किसी निर्माता को नुकसान नहीं हुआ और न ही उन्होंने अपने रसूख से किसी को परेशान किया और वक्त की पाबंदी तो ऐसी कि लोग उनके कारण आने से घड़ी मिला लेते थे चाहे रात को कितनी भी देर तक शूटिंग चली हो।
अभिनेता सचिन ने एक बार एक किस्सा सुनाया था कि फिल्म सत्ते पे सत्ता के दौरान रात को दो बजे तक शूटिंग चली और अगले दिन सुबह सात बजे फिर आना था लेकिन सारे स्टार यह सोचकर आराम से सोए कि इतनी जल्दी कैसे कोई पहुंचेगा देर रात तक जागे थे तो सब लोग आठ साढ़े आठ तक पहुंचे और उनको लगा कि अमिताभ तो सुपर स्टार हैं वो तो और देरी से ही आयेंगे क्योंकि तब अमिताभ का रुतबा ही ऐसा था कि कोई भी निर्माता निर्देशक उनको टोकने की हिम्मत नहीं करता था लेकिन जब सचिन सहित सारे स्टार्स सेट पर पहुंचे तो यह देखकर हैरान हो गए कि अमिताभ वहां पहले से मौजूद हैं और इन सबका वेलकम कर रहे हैं और मजाक भी उड़ा रहे हैं।
सचिन बताते हैं कि उसके बाद से कोई भी लेट नहीं हुआ, यह हैं अमिताभ। फिल्म बड़े मियां छोटे मियां के वक्त गोविंदा ने फिल्म करने से मना कर दिया था क्योंकि वे लेट आने के लिए फेमस थे लेकिन अमिताभ के कारण उन्होंने फिल्म की और दोनों ने एक दूसरे के साथ एडजस्ट किया और एक शानदार फिल्म मिली। यही फ्लेक्सिबिलिटी अमिताभ को अपने को स्टार्स में पॉपुलर भी बनाती है और इसके अलावा उनकी एक्टिंग आभामंडल तो है ही ऐसा कि स्क्रीन पर उनके आगे सब फीके पड़ जाते हैं, यदि किसी से एक्टिंग में कम पड़ भी गए तो उनकी आवाज और आंखे इतना असर डाल देती हैं कि सामने वाला फीका पड़ जाता है,फिल्म खुद्दार देखिए जिसमे एक्टिंग विनोद मेहरा ने बेहतरीन की है लेकिन फिर भी अमिताभ ने ही उनको डोमिनेट किया है।
एक तो अमिताभ के नैसर्गिक गुण ऐसे हैं कि उनका कोई विकल्प आसान नहीं होता जैसे उनकी हाइट इतनी है कि जितनी किसी अन्य हीरो की नहीं रही धर्मेंद्र, विनोद खन्ना सब उनके आगे बौने लगते थे जबकि ये सारे लोग छह फुटिया थे और धर्मेंद्र तो ही मैन थे लेकिन शोले में अमिताभ की पर्सनेलिटी भी एक लड़ाके की तरह लगी और वो पूरी तरह फिट बैठे जबकि उनको यह रोल कोई देना नहीं चाहता था। तब सलीम खान का मानना था कि अमिताभ तो प्रोफेसर, डॉक्टर, एग्जीक्यूटिव के रोल में ज्यादा फिट होते हैं लेकिन जैसे तैसे अमिताभ को शोले मिली और फिर यह हाल हुआ कि उनके कारण ही फिल्म ज्यादा देखी गई खासकर उनका जो डेथ सीन था वैसा कोई कर ही नहीं पाया, उस वक्त हर दर्शक रोता था और गब्बर सिंह के प्रति गुस्से से भर जाता था। मुकद्दर का सिकंदर तो सिर्फ इसलिए ही ज्यादा चली कि अमिताभ ने डेथ सीन ऐसा किया कि सब लोग रोते हुए बाहर जाते थे और अगले दिन फिर अमिताभ को जिंदा देखने जाते थे।
अमिताभ को हमने इतना देखा है फिर भी उनसे बोरियत नही होती आज भी कुछ नया करते रहते हैं चाहे फिल्म हो, विज्ञापन हो या फिर केबीसी,केबीसी में तो उनका सेंस ऑफ ह्यूमर ही आधा काम कर देता है और बाकी काम उनकी फैन फॉलोइंग और प्रतिभागियों की उनके प्रति श्रृद्धा। लोग उनका कितना सम्मान करते। यह साफ दिखाई देता है और महिलाएं भी उनसे बहुत सहज होती हैं, हर उम्र की, हर वर्ग की महिलाएं उनसे जुड़ जाती हैं और वो उन्ही के अनुसार व्यवहार करने लगते हैं। संभवत: वे ऐसा इसलिए कर पाते हैं क्योंकि उनको नॉलेज बहुत है। वे मजदूर, प्रोफेसर खिलाड़ी, ब्यूरोक्रेट्स, पॉलिटिशियन, आर्टिस्ट और बिजनेसमैन सभी से उनकी भाषा में बात करने लगते हैं यह विशेषता किसी और स्टार में नही है इसलिए अमिताभ बाजी मार ले जाते हैं। अमिताभ आज भी नंबर वन इसीलिए हैं कि वे सूरज की तरह हर रंग और रूप में ढल जाते हैं ,वो चमकना भी जानते हैं और डूबना भी स्वीकार करते हैं और बादलों से हारना भी और फिर बादलों को हराना भी जानते हैं। आज हम जिसे जानते हैं यह वो वो अमिताभ हैं जो अपनी रोशनी के लिए ही जाना जाता है, एक कविता में वे खुद कहते हैं कि चाहे कुछ भी हो वापस आना पड़ता,वापस आना पड़ता है और वे वापस आए भी हैं आते भी हैं, वे अमिताभ हैं जिन्हें सारी दुनिया स्टार ऑफ मिलेनियम मानती है। हमारी दुआ है कि अमिताभ की आभा यूं ही चमकती रहे…।
(मुकेश कबीर विनायक फीचर्स)