देहरादून। उत्तराखंड में आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अधिकारियों के बड़ी संख्या में तबादले किए गए है। पिछले लंबे समय से इस सूची का इंतजार किया जा रहा था। ट्रांसफर के साथ ही कई अधिकारियों को जिम्मेदारी भी बदली गई है।
उत्तराखंड में आईएफएस अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए गए हैं। इसमें कई अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली गई है। जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव हुआ है, उनमें पीसीसीएफ से लेकर डीएफओ लेवल के अधिकारी शामिल है। प्रमुख वन संरक्षक विजय कुमार को अब जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले वह मुख्य परियोजना निदेशक उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना देख रहे थे। प्रमुख वन संरक्षक बीपी गुप्ता को प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत और मुख्य वन संरक्षक प्रशासन की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
प्रमुख वन संरक्षण गिरजा शंकर पांडे से कैंपा की जिम्मेदारी वापस लेते हुए उन्हें प्रबंध निदेशक उत्तराखंड वन विकास निगम की जिम्मेदारी दी गई है। रंजन कुमार मिश्रा को अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपा परियोजना की जिम्मेदारी अतिरिक्त रूप से दी गई है। मनोज चंद्रन को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बांश एवं रेशा विकास परिषद की जिम्मेदारी दी गई है।
पीके पात्रों को मुख्य परियोजना निदेशक उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना (जायका) भेजा गया है। धीरज पांडे को मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं की जिम्मेदारी दी गई है। उनसे निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की जिम्मेदारी वापस ली गई है। साकेत बडोला को अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का निदेशक बनाया गया है। इससे पहले वह राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक की जिम्मेदारी देख रहे थे। नीतीश मणि त्रिपाठी को सदस्य सचिव उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है। मयंक शेखर झा को क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तराखंड वन विकास निगम भेजा गया है। कल्याणी को डीएफओ रुद्रप्रयाग और उपवन संरक्षक केदारनाथ वनप्रभाग के जिम्मेदारी दी गई है। कुंदन कुमार को उपवन संरक्षक हल्द्वानी वन विभाग और अनुसंधान हल्द्वानी की जिम्मेदारी मिली है। अभिमन्यु को उपवन संरक्षक चकराता वन विभाग की जिम्मेदारी मिली है।