रामनगर। प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर के टीले की सुरक्षा का कार्य शुरू होने की लोगों में एक बार उम्मीद जगी है। दरअसल गर्जिया देवी मंदिर के टीले की सुरक्षा कार्य के लिए सिंचाई विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। जिसके तहत सुरक्षा कार्य 2 फेज में किया जाएगा। बता दें कि इसके लिए विभाग ने पहले 9 करोड़ 23 लाख रुपये की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि मानसून सीजन को देखते हुए शासन द्वारा ये निर्णय लिया गया है।
बता दें कि प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर के टीले में आई दरारें लगातार बढ़ रही हैं। 2010 में आई बाढ़ के बाद से दरारें हर बार बरसात के सीजन में बढ़ती जा रही हैं। जिससे मंदिर पर खतरा मंडराने लगा है, लेकिन 14 साल बाद भी आज तक टीले की मरम्मत और मंदिर के सुरक्षात्मक कार्य के लिए बजट पास नहीं हो पाया है। जिस पर मंदिर के पुजारियों व मंदिर समिति के सदस्यों में सरकार के प्रति गुस्सा है।
बीते दिनों गर्जिया देवी मंदिर के कार्य को लेकर मंदिर के पुजारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कराने का आश्वासन दिया था। वहीं अब आगामी मानसून सीजन को देखते हुए कार्य को दो फेज में कराया जाएगा। इसमें पहले फेज में गर्जिया देवी मंदिर के टीले की सुरक्षा के लिए सीसी ब्लॉक बनाए जाएंगे।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले फेज के लिए शासन को पांच करोड़ 80 लाख रुपये के बजट की डिमांड भेजी गयी है। शासन से बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार रुड़की के भूगर्भ वैज्ञानिक सर्वे कर चुके हैं। साथ ही सुरक्षात्मक कार्य करने के लिए कई बार डीपीआर बनाई गई, लेकिन मरम्मतीकरण के लिए शासन से बजट ही पास नहीं हो पाया।
मंदिर के नीचे भक्तों के लिए रखे गए थे पदचिन्ह
अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि बीते साल बरसात के दौरान सिंचाई विभाग ने बारिश के पानी से मंदिर को बचाने के लिए विशेष तिरपाल के जरिए पूरे टीले को कवर कर दिया था। कार्तिक पूर्णिमा के मेले पर भी टीले की सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर के नीचे ही पदचिन्ह रखकर भक्तों को दर्शन करवाए गए थे। वहीं, गर्जिया देवी के मुख्य पुजारी मनोज पांडे का कहना है कि इन 14 सालों में कई बार तत्कालीन और वर्तमान सीएम से मिल चुके हैं, लेकिन आज तक टीले की सुरक्षा का कार्य नहीं हो पाया है।उन्होंने कहा कि सरकार राम मंदिर और कई मंदिर बना रही है, जिसका वो समर्थन करते हैं, लेकिन आस्था के केंद्र गर्जिया मंदिर के टीले की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा। जिससे मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है।