उत्तराखंडशासन

भाजपाई मुख्यमंत्री में सबसे लम्बा कार्यकाल, धामी ने पूरी किए चार साल

ऐसे फैसले लिए उत्तराखण्ड ही नहीं देश में बने मिशाल

नीतियों की स्पष्टता, दृढ़ता व जनता से जुड़ाव के साथ राजनीति को दी नई दिशा
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर किया काम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। वे उत्तराखंड में भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले पहले नेता बन गए हैं। चार साल पहले 4 जुलाई 2021 को जब उन्हें पहली बार प्रदेश की कमान सौंपी गई थी, तब उनके सामने सिर्फ छह महीने में चुनाव जिताने की चुनौती थी, लेकिन आज वे भरोसे, विजन और निर्णायक नेतृत्व के प्रतीक बन चुके हैं। धामी के चार वर्षों में लिए गए कई ऐतिहासिक फैसले न केवल उत्तराखंड में बदलाव का आधार बने, बल्कि देश के लिए मॉडल भी साबित हुए।
चार साल का कार्यकाल केवल समय नहीं, बल्कि धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के बदलाव की कहानी है। नीतियों की स्पष्टता, दृढ़ता और जनता से जुड़ाव के साथ उन्होंने न सिर्फ राज्य की राजनीति को एक नई दिशा दी है, बल्कि देशभर में अपने फैसलों से “उत्तराखंड मॉडल” की नींव रखी है। अब जब धामी उत्तराखंड में भाजपा के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बन चुके हैं, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वक्त में उनकी भूमिका और भी बड़ी हो सकती है।
धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 और 1064 विजिलेंस ऐप से सदैव आम जनमानस के विश्वास को जीतने का प्रयास किया है और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मगरमच्छ जैसे भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भेजकर एक सख्त संदेश भी दिया। युवा साथियों को इन 4 वर्षों में पूर्ण पारदर्शिता के साथ 23000 से भी अधिक सरकारी नौकरी दी है और महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देकर उनकी सशक्त भागीदारी भी सुनिश्चित की है। यही कारण है कि आज प्रदेश में बेरोज़गारी दर तेज़ी से घटी है जो कि राष्ट्रीय औसत से भी कम है।
धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों के फलस्वरुप प्रत्येक वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड पधार रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्विकास, साहसिक पर्यटन को बढ़ावा, स्थानीय उत्पादों का बढ़ चढ़कर प्रचार-प्रसार, होम स्टे योजना के माध्यम से स्वरोज़गार, छात्रवृत्ति योजनाएँ, खेल और खिलाड़ियों के लिये बेहतर सुविधाएँ, किसान कल्याण, सैनिक कल्याण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य आज देवभूमि उत्तराखंड के विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देते हुए रिकॉर्ड 3.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए और अभी तक 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की ग्राउंडिंग कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगामी वर्षों में देवभूमि उन्नति और प्रगति के क्षेत्र में नये सोपान गढ़ने को तैयार है। देवभूमि उत्तराखंड की सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए देवतुल्य जनता और केंद्रीय नेतृत्व का हार्दिक आभार।

चार साल, दो कार्यकाल और अटूट विश्वास के साथ बढ़ रहे आगे
2017 में भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर बार-बार बदलाव ने अस्थिरता का संदेश दिया। फिर पार्टी ने युवा, ऊर्जावान और ज़मीन से जुड़े नेता धामी पर भरोसा जताया और 2021 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। कम वक्त में ही उन्होंने चुनावी कमान संभाली और 2022 में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई, मिथक तोड़ा और खुद को एक भरोसेमंद नेता के रूप में स्थापित किया।

धामी सरकार के प्रमुख फैसले जो बने राष्ट्रीय मॉडल

समान नागरिक संहिता (यूसीसी)
उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने 27 जनवरी 2025 को यूसीसी को लागू किया। अब तक 2 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। इस कदम ने धामी को राष्ट्रीय मंच पर एक दूरदर्शी नेता के रूप में स्थापित कर दिया।

नकल विरोधी कानून
फरवरी 2023 में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून लागू किया गया। यह कानून अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण अधिनियम के तहत नकल माफिया पर सीधा प्रहार करता है। नकल विरोधी कानून को लेकर केन्द्र सरकार ने भी उत्तराखण्ड के बाद मजबूत पहल की।

दंगाइयों से वसूली कानून
2024 में लागू इस कानून के तहत दंगा, हड़ताल या उपद्रव में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से बाजार दर पर वसूली का प्रावधान किया गया।

गैंगस्टर एक्ट को सख्त बनाया
गोवध, मानव तस्करी, नकल माफिया, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों को गैंगस्टर एक्ट के दायरे में लाया गया। दोष सिद्ध होने पर 10 साल की गैर-जमानती सजा और 50 हजार तक जुर्माना तय किया गया।

आरक्षण बहाली
धामी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और महिलाओं को 33 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पुनः बहाल किया।

अन्य उल्लेखनीय पहलें और उपलब्धियां
एप्पल मिशन और कीवी मिशन के ज़रिए पलायन रोकने का अभिनव प्रयास
हाउस ऑफ हिमालयाज के ज़रिए पहाड़ी उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान
लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद पर सरकार का स्पष्ट और कठोर रुख
राष्ट्रीय खेलों और जी-20 बैठकों की सफल मेज़बानी से उत्तराखंड की वैश्विक पहचान
23,000 पदों पर सीधी भर्ती से युवाओं को रोज़गार
मानसखंड मंदिरमाला मिशन, शीतकालीन यात्रा, महासू मंदिर हनोल जैसे धार्मिक पर्यटन योजनाओं को बढ़ावा
एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखंड पहला स्थान, जीईपी इंडेक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन

प्रधानमंत्री से लेकर जनता तक मिला समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद धामी के कामकाज से प्रभावित रहे हैं। वे कई बार उत्तराखंड आकर उनकी सराहना कर चुके हैं। चाहे वह सिलक्यारा टनल संकट की बात हो या राष्ट्रीय आयोजनों में प्रदेश की भागीदारी, धामी हर परीक्षा में खरे उतरे हैं। उनके सौम्य स्वभाव और कठोर फैसलों ने उन्हें जनता और पार्टी नेतृत्व दोनों का विश्वासपात्र बना दिया है।

भाजपा सरकारों में मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल
मुख्यमंत्री कार्यकाल
नित्यानंद स्वामी 9.11.2000 – 29.10.2001
भगत सिंह कोश्यारी 30.10.2001 – 01.03.2002
मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी 07.03.2007 – 26.06.2009, फिर 11.09.2011-13.03.2012
रमेश पोखरियाल निशंक 27.06.2009 – 10.09.2011
त्रिवेंद्र सिंह रावत 18.03.2017 – 10.03.2021
तीरथ सिंह रावत 10.03.2021 – 03.07.2021
पुष्कर सिंह धामी 04.07.2021 – अब तक

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