आपदाउत्तराखंड

गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे पर जगह-जगह हो रहा भूस्खलन

भू-धंसाव और पहाड़ियों से बोल्डर गिरने से बढ़ रही दिक्कतें

पत्थर बरसने से लोगों को हो रहा जान का खतरा
हाईवे के दोनों ओर लग रही वाहनो की लम्बी-लम्बी कतारें
उत्तरकाशी। जनपद में लगातार बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह पर भूस्खलन और भू धंसाव के चलते बंद हो गया। आम लोगों को आने जाने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी के पास पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे हाईवे के दोनों और गाड़ियों की लंबी लाइन लगी हुई है। रुक-रुक कर हो रही बारिश से बीआरओ को हाईवे खोलने में भारी दिक्कतें आ रही है। लोग हाईवे के दोनों ओर फंसे हुए हैं और मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
गौर हो कि, उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है। कई संपर्क मार्ग बारिश से लगातार बाधित हो रहे हैं, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। सोमवार सुबह गंगोत्री हाईवे गंगोत्री हाईवे सैंज, नलूणा और नालूपानी के पास बंद हो गया। नालूपानी के पास पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने से पत्थर और बोल्डर आ रहे हैं। यहां पर यातायात पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ। हाईवे पर दोनों और गाड़ियों की लाइन लगी हुई हैं।
यमुनोत्री हाईवे जगह जगह सड़क धंसने और चट्टानी मलबा बोल्डर आने से वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पा रही है। यमुना धाम समेत अन्य गांव के ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय में अपना रोजमर्रा काम करने के लिए कई किमी दूर पैदल चलकर आना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने एनएच विभाग से जल्द ही यमुनोत्री हाईवे खोलने की मांग की है ताकि ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय तक आने कोई दिक्कतें ना हो।
एनएच के ईई मनोज रावत का कहना है कि लगातार कटाव व चट्टान से मलबा बोल्डर गिरने से बार बार दिक्कत हो रही है, फिर भी मार्ग को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इधर स्याना चट्टी में यमुना नदी पर बन रही झील से उत्पन्न समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
हालांकि यमुना नदी एक किनारे से बह रही है, लेकिन स्याना चट्टी में कुपडा खड्ड आदि से आने वाले मलवा बोल्डर पत्थरों के एकत्रित होने से यमुना नदी का तल बढ़ने से उक्त समस्या उत्पन्न हो रही है। सिंचाई विभाग के ईई पन्नी लाल का कहना है कि अत्यधिक मलबा एकत्रित होने व कुपडा खड्ड व यमुना नदी के मुहाने पर निकासी प्रभावित होने के कारण यह समस्या बार बार उत्पन्न हो रही है। वहां पर मशीनों को पहुंचाई जा रही है।

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