उत्तराखंडहादसा

आकाशीय बिजली गिरने से भाई-बहन की दर्दनाक मौत

खटीमा के ग्राम सजना का है मामला

उधमसिंह नगर। खटीमा के ग्राम सजना में खेत में काम कर रहे भाई बहन की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। मौत की खबर के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौत की खबर के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। सूचना पर तमाम जनप्रतिनिधि परिवार को ढांढस बंधाने के लिए पहुंच रहे हैं।
गौर हो कि रुद्रपुर जनपद के खटीमा में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से भाई और बहन की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के समय भाई बहन खेत में धान की पौध रोप रहे थे। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह खटीमा के सीमांत क्षेत्र ग्राम सजना निवासी सुमित सिंह राणा अपनी बड़ी बहन सुहानी राणा के साथ खेत में धान की रोपाई कर रहा था।
इसी बीच दोनों भाई बहन आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मूर्छित हो गए।आनन फानन में परिजन व आसपास के लोग दोनों को खटीमा अस्पताल ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। साथ ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। घटना की सूचना पर क्षेत्रीय विधायक सहित तमाम जनप्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। बाद में पुलिस ने दोनों शवो को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बता दें कि उत्तराखंड की पहाड़ी इलाकों में 27 जून तक मौसम ऐसे ही मेहरबान रहने वाला है। प्री मानसून की बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से निजात मिली है। हालांकि प्री मानसून राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के लिए चुनौती भरा होता है। क्योंकि प्रदेश के बारिश से आपदा जैसे हालात बन जाते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि अभी प्री मानसून की बारिश हो रही है और इसी तरह से 27 तारीख तक राज्य में बारिश रहेगी। वहीं पहाड़ी जिले पिथौरागढ़ बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी और देहरादून के साथ-साथ उधम सिंह नगर में भी बारिश हो सकती है।
इतना ही नहीं मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा बीते दिनों जिस तरह से राज्य के कई इलाकों में तेज हवाएं चली थी, उसको लेकर भी लोगों को सतर्क रहने की अपील कर रहा है। मौसम विभाग के अनुसार देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में तेज हवाएं चल सकती हैं। लिहाजा इन हवाओं के बीच किसी भी पेड़, बिजली के खंभे व कच्चे पहाड़ों के आसपास ना जाए।

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