रुड़की। एक दुकानदार ने बताया कि ब्याज का पैसा न देने पर ब्याज माफिया ने उसे फोन कर घर बुलाकर बंधक बनाया और उसके साथ जमकर मारपीट की। इतना ही नहीं गन की नोक पर उससे चेक पर साइन भी कराया। पीड़ित ने मामले में तहरीर देते हुए कार्रवाई की गुहार पुलिस से लगाई है। पुलिस ने पीड़ित दुकानदार की तहरीर लेकर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिविल लाइन में अनिल अरोड़ा ने दुकान कर रखी है। अनिल अरोड़ा ने मंगलवार की दोपहर सिविल लाइन कोतवाली पहुंच कोतवाल को तहरीर देते हुए बताया कि उसने कुछ समय पहले चार लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। किन्ही कारणों के चलते वह समय पर पैसे नहीं दे पाया लेकिन इसके बावजूद भी उसने ब्याज माफिया को एक लाख रुपए वापस दे दिए थे। पीड़ित ने बताया कि उसे पिछले काफी समय से ब्याज माफिया ने परेशान कर रखा था लेकिन हद तो तब हो गई जब उसने 26 की शाम दुकानदार को फोन करके घर पर बुलाया। पीड़ित दुकानदार अनिल अरोड़ा ने बताया कि जैसे ही वह उनके घर पहुंचे तो इसी दौरान उनके बड़े बेटे ने उसे बंधक बना लिया और उसके साथ बाप बेटे ने बेल्ट से जमकर मारपीट की। इतना ही नहीं गन की नोक पर उससे चेक पर साइन भी कर लिए और बाद में उसे घर से धक्का देकर बाहर कर दिया। पीड़ित का कहना है की मारपीट में उसके कपड़े भी शरीर पर नहीं थे और ब्याज माफिया ने ही उन्हें दूसरे कपड़े पहनाकर घर से बाहर फेंका था। किसी तरह वह अपने घर पहुंचे और मामले की जानकारी दी। पीड़ित ने आज सिविल लाइन कोतवाली पहुंचे। आरोपित ब्याज माफिया को नाम दर्ज करते हुए तहरीर पुलिस को दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर पीड़ित को मेडिकल के लिए भेजा है। पुलिस ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट आने पर मामले की जांच कर मारपीट करने वाले ब्याज माफिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात सिविल लाइन कोतवाल ने कही है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।