परमिट सरेंडर करने के मूड में परिवहन व्यवसायी चारधाम यात्रा व्यवस्था से नाखुश, सरकार की बढ़ सकती है टेंशन
ऋषिकेश। उत्तराखंड के चार धामों में भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही है। उत्तराखंड शासन की ओर से ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑनलाइन यानी भौतिक पंजीकरण 31 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है। संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अंतर्गत संचालित होने वाले सैकड़ों वाहन बुकिंग होने के बावजूद पिछले 10 दिन से खड़े हैं। संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति ने ऐलान किया है कि यदि सरकार अति शीघ्र ऑनलाइन पंजीकरण नहीं खोलती है तो 31 मई तक सभी कंपनियों के अंतर्गत संचालित होने वाले वाहन स्वामी अपने-अपने परमिट आरटीओ कार्यालय में सरेंडर कर देंगे। उसके बाद भी यदि सरकार नहीं चेती तो मजबूरन चारधाम यात्रा का बहिष्कार किया जाएगा।
चारधाम यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष नवीन चंद रमोला ने कहा कि सरकार यात्रा को लेकर तुगलकी फरमान जारी कर रही है। धरातल की स्थिति को नहीं समझा जा रहा है। विभिन्न विभागों के अधिकारी धरातल की रिपोर्ट शासन तक नहीं पहुंचा रहे हैं। 31 मई तक ऑनलाइन पंजीकरण बंद करने का निर्णय बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है।उन्होंने कहा कि यात्रा व्यवस्था बिगड़ने से उत्तराखंड प्रदेश की भी छवि धूमिल हुई है। यात्रा से पूर्व परिवहन विभाग विभिन्न कंपनियों से अपने-अपने वाहनों को तैयार करने के निर्देश देता है।
वाहनों पर मोटर मालिक अत्यधिक खर्च करता है, लेकिन इन वाहनों को यात्रा पर नहीं भेजा जा रहा है। डंडी-कंडी लेकर चलने वाले श्रद्धालुओं की सरकार सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में पिछले दिनों में करीब 20000 यात्री फंसे रहे। इनमें से 50 प्रतिशत बिना दर्शन वापस लौट गए। सरकार की व्यवस्था से परेशान होकर सभी मोटर मालिकों ने निर्णय लिया है कि 31मई तक सभी लोग अपनी गाड़ियों के परमिट परिवहन विभाग कार्यालय में जमा करा देंगे।
संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा कि वर्तमान में विभिन्न धामों में बड़ी संख्या में निजी वाहनों में आने वाले लोग तीर्थाटन नहीं बल्कि पर्यटन की दृष्टि से आ रहे हैं। ऐसे लोगों को प्राथमिकता ना दी जाए, बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए यात्रा करने वाले परंपरागत तीर्थ यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर यात्रा पर भेजा जाए। टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि यात्रा मार्ग की स्थिति भी अच्छी नहीं है। जगह-जगह मलबा फैला है, जिस कारण जाम के हालात पैदा हो रहे हैं। सभी परिवहन कारोबारियों ने व्यवस्था न सुधरने पर चारधाम यात्रा के बहिष्कार की भी चेतावनी दी।