आपदाउत्तराखंड

पिछले 48 घंटे में देहरादून व चमोली को अतिवृष्टि ने दिए बडे़ जख्म

बारिश से देहरादून के आसपास के क्षेत्र हुए बेहाल दून में 24 की हो चुकी मौत, 15 अब भी लापता चमोली में लापता की तलाश में जुटी एसडीआरएफ व जिला प्रशासन

देहरादून। उत्तराखंड में 48 घंटे के भीतर मौसम ने जो भयानक जख्म और दर्द दिए हैं, वो शायद भूलने में या इन जख्मों को भरने में सालों लग जाए। अभी तक पहाड़ों में ऐसी तबाही देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार मैदान में त्रासदी देखने को मिली है। बारिश ने तो दून की तस्वीर ही बदल कर रख दी। पहले देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्र बारिश से बेहाल हुए। उसके बाद चमोली के नंदानगर क्षेत्र में तबाही देखने को मिली। अभी तक सरकार उत्तरकाशी और चमोली के साथ-साथ अन्य जगह हुए नुकसान की भरपाई और उसका आकलन कर ही रही थी कि अचानक देहरादून फिर चमोली में आफत के बादल टूट पड़े। जिसमें कई लोगों की जान चली चली गई।
दून में बादल फटने और मूसलाधार बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। यहां अभी तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 15 लोग अब भी लापता हैं। इसके अलावा चमोली, मसूरी समेत अन्य जगहों पर भूस्खलन और पुल टूटने से हालात बिगड़े हुए हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार रेस्क्यू कर रही हैं, लेकिन भारी बारिश और बंद रास्तों के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। दून में हुई बादल फाड़ तबाही ने आस पास के कई इलाकों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
दून जिले में बरसी आफत से सहस्त्रधारा और मालदेवता समेत उसके आस पास के कई गांव का संपर्क शहर से पूरी तरह से कट गया। सहस्त्रधारा क्षेत्र में अतिवृष्टि से नदी उफान पर आ गई। तेज बहाव में कई होटल, दुकानें और घर बह गए। मालदेवता क्षेत्र के 12 से ज्यादा गांव बाहरी दुनिया से कट गए। यहां पुल बह गए, सड़कों पर मलबा भर गया और लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए। ऐसा ही हाल देहरादून में सबसे बड़े धार्मिक स्थल टपकेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिला। जहां एक रात की बारिश ने मंदिर परिसर में तमसा नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल बह गया।
इतना ही नहीं आज तक जिन इलाकों में या यूं कहें मंदिर तक पानी नहीं पहुंचा था, वहां तक पानी पंहुचा और सब कुछ बहा कर ले गया। मंदिर के कमरे आदि सब मलबे में दब गए। आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो पिछले 48 घंटे में देहरादून जिले में बारिश से 62 सड़कें और 8 पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें देहरादून-हरिद्वार को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे के साथ हिमाचल को जोड़ने वाली सड़क और मसूरी रोड भी शामिल है।
बीते 48 घंटे ने उत्तराखंड को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या बार-बार आने वाली ऐसी आपदाओं के लिए तैयार है? अभी हालात संभलने में समय लगेगा। आगामी 20 सितंबर तक मौसम विभाग ने जो चेतावनी दी है, उससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।

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